जहाँ A तथा C स्थिरांक (constants) हैं, T = ताप तथा v = विशिष्ट आयतन (specific volume) है।
2.
वाष्प की दाब ऊँची होने के कारण विशिष्ट आयतन भी कम होता है और उस तरल का वेग भी बहुत ऊँचा होता है, अत: अन्य साधारण बायलरों के समान बुलबुले नहीं उठते और इस वाष्प तथा पानी का घनीभूत मिश्रण बनकर ढोल में वापस लौट आता है।